जामुनकापेड़ रात को बड़े जोरका अंधड़चला. सेक्रेटेरिएट के बोला. माली ने फिर कहा, “तुम्हारा यहां कोई वारिस लॉन में जामुन का एक पेड़गिरपड़ा. सुबह जब माली हो तो मुझे उसका अता-पता बताओ. मैं उसे खबर ने देखा तो उसे मालूम हुआ कि पेड़ के नीचे एक देने की कोशिश करूंगा." "मैं लावारिस हूं," दबे आदमी दबा पड़ा है. माली दौड़ा-दौड़ा चपरासी के हुए आदमी ने बड़ी मुश्किलसेकहा. माली अफ़सोस पास गया, चपरासी दौड़ा-दौड़ा क्लर्क के पास गया, जाहिर करता हुआ वहां से हट गया. तीसरे दिन क्लर्क दौड़ा-दौड़ा सुपरिन्टेंडेंट के पास गया. हार्टिकल्चर विभाग से जवाब आ गया. बड़ा कड़ा सुपरिन्टेंडेंट दौड़ा-दौड़ा बाहरलॉन में आया. मिनटों में जवाब लिखा गया था. काफी आलोचना के साथ, ही गिरेहुए पेड़केनीचेदबे आदमी के इर्द-गिर्दमजमा उससे हार्टिकल्चर विभाग का सेक्रेटरी साहित्यिक इकट्ठा हो गया. मिजाज का आदमी मालूम होता था. उसने लिखा "बेचारा जामुन का पेड़ कितना फलदार था," था, "हैरत है, इससमय जब पेड़गाओ' स्कीमबड़े एक क्लर्क बोला. गई थी. लोग तरह-तरह की बातें कर रहे थे. कुछ पैमाने पर चल रही है, हमारे मुल्क में ऐसे सरकारी “इसकी जामुन कितनी रसीली होती थी,” मनचले क्लर्कों ने मामले को अपने हाथ में लेना अफ़सर मौजूद हैं, जो पेड़काटने की सलाह दे रहे हैं, दूसरा क्लर्क बोला. चाहा. वह हुकूमत के फैसले का इंतजार किए बगैर वह भी एक फलदार पेड़ को! और वह भी जामुन के ___"मैं फलों के मौसम में झोली भरके ले जाता था. पेड़को खुद से हटाने की तैयारी कररहे थे कि इतने में, पेड़को !! जिसके फल जनता बड़े चाव सेखाती है. मेरे बच्चे इसकी जामुनें कितनी खुशी से खाते थे," सुपरिन्टेंडेंट फाइल लिए भागा-भागा आया, हमारा विभाग किसी भी हालत में इस फलदारपेड़को तीसरेक्लर्क का यह कहते हुए गला भर आया. बोला, "हमलोग खुदसेइस पेड़को यहां से नहीं हटा काटने की इजाजत नहीं दे सकता.' “अब क्या "मगर यह आदमी?" माली ने पेड़ के नीचे दबे सकते. हम लोग वाणिज्य विभाग के कर्मचारी हैं और किया जाए?' एक मनचले ने कहा, "अगरपेड़नहीं आदमी की तरफ़ इशारा किया. यहपेड़का मामला है, पेड़कृषि विभाग के तहत आता काटा जा सकता तो इस आदमी को काटकर निकाल
जामुनकापेड़ अंधड़चला. सेक्रेटेरिएट के बोला. माली ने फिर